औरंगज़ेब का इतिहास | Aurangzeb History in Hindi
पूरा नाम – अबुल मुजफ्फर मुहीउद्दीन औरंगजेब आलमगीर. Aurangzeb – Alamgir
जन्मस्थान – दाहोद (गुजरात)
पिता – शाहजहां
माता – मूमताज महल
विवाह – बेगम नवाब बाई, औरंगाबादी महल, उदयपुरी महल, झैनाबदी महल
शाह जहाँ जब बूढ़े होकर बीमार हो गये तो औरंगजेब – Aurangzeb ने उन्हें कैद में डाला। कुछ इतिहासकरों का ऐसा कहना है की –
शाह जहाँ ताजमहल पर पूरा मुग़ल ख़जाना खर्च कर रहें थे इसीलिए उन्हें कैद में डाला गया। शाहजहां की मौत कैदखाने में हुई। इस तरह वे हिन्दुस्तान के एकछत्र सम्राट बन गये।
औरंगजेब के पूर्वज अकबर, बाबर आदी शासकों ने भारत को जो समृध्दि प्रदान की थी, औरंगजेब ने उसमें वृध्दि तो अवश्य की परन्तु अपने कट्टरपन तथा अपने पिता और भाइयों के प्रति दुर्व्यवहार के कारण उन्हें देश की जनता का विरोध भी मोल लेना पड़ा।
उन्होंने हिन्दुओं पर जजिया कर लगाया। वैसे नैतिक रूप से वे अच्छे चरित्र के व्यक्ति थे। वे टोपियां सीकर और कुरान की आयतें लिखकर अपना खर्चा चलाते थे। उन्होंने राज्य-विस्तार के लिए अनेक बड़ी-बड़ी लड़ाईयां लड़ीं।
उनका शासन 1658 से लेकर उनकी मृत्यु 1707 तक चला। उन्होंने 48 साल तक अपना शासन स्थापीत रखा।
औरंगजेब का राज्य बहोत ही विस्तृत था इस वजह से उस समय मुघल साम्राज्य सबसे विशाल और शक्तिशाली साम्राज्य माना जाता था। औरंगजेब के पुरे जीवन में उसने अपना राज्य दक्षिण में 3.5 लाख किलोमीटर तक विस्तृत किया और जिसमे 150-200 लाख लोग उसके राज्य में रहने लगे थे।
जब मुघल साम्राज्य युद्ध कर रहा था तभी अचानक एक लड़ाकू हाती ने उनके शरीर पर प्रहार किया, जिससे उन्हें कई दिनों तक चोटिल रहने के बाद भी वे युद्ध में लड़ते रहे, युद्ध का लगभग पूरा क्षेत्र हतियो से भरा पड़ा था और लड़ते-लड़ते ही अंत में उन्हें मृत्यु प्राप्त हुई। और उनकी इसी बहादुरी से प्रेरित होकर उन्हें बहादुर का शीर्षक दिया गया। अंतिम युद्ध में कमजोर पड़ने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी थी। वे मुघल साम्राज्य के एक निडर योद्धा थे। उनका हमेशा से ऐसा मानना था की अगर आप बिना लड़ेही शत्रु की ताकत देखकर ही हार मान लेते हो तो फिर आपसे बुरा कोई नहीं।
इसमें संदेह नहीं कि औरंगजेब मुगल सल्तनत के महान सम्राट थे और उनका समय मुग़ल-साम्राज्य की समृध्दि की समृध्दि का स्वर्णिम युग था।
उनकी मृत्यु के 15-16 वर्ष बाद ही मुगल-साम्राज्य का सितारा डूब गया। बाबर के खानदान के इस अंतिम मुगल सम्राट The last Mughal को अनेक कारणों से याद किया जाता है। बाबर जहां भारत में मुगल-साम्राज्य के संस्थापक थे, वहां औरंगजेब मुगल-साम्राज्य की समाप्ति का कारण बने।
औरंगज़ेब के निर्माण :
जन्मस्थान – दाहोद (गुजरात)
पिता – शाहजहां
माता – मूमताज महल
विवाह – बेगम नवाब बाई, औरंगाबादी महल, उदयपुरी महल, झैनाबदी महल
औरंगजेब का इतिहास – Aurangzeb History in Hindi
औरंगजेब का जन्म गुजरात के दाहोद गाव में हुआ। शाह जहाँ और मूमताज महल के वो तीसरे बेटे थे। 26 फेब्रुअरी 1628 में जब शाहजहा ने लिखित तौर पर ये बताया की औरंगजेब ही उनके तख़्त के काबिल है। इसके बाद औरंगजेब को बाहर युद्ध विद्या सिखने भेजा गया, और युद्ध कला में निपुण होने के बाद वे फिर से अपने परिवार के साथ रहने लगे।शाह जहाँ जब बूढ़े होकर बीमार हो गये तो औरंगजेब – Aurangzeb ने उन्हें कैद में डाला। कुछ इतिहासकरों का ऐसा कहना है की –
शाह जहाँ ताजमहल पर पूरा मुग़ल ख़जाना खर्च कर रहें थे इसीलिए उन्हें कैद में डाला गया। शाहजहां की मौत कैदखाने में हुई। इस तरह वे हिन्दुस्तान के एकछत्र सम्राट बन गये।
औरंगजेब के पूर्वज अकबर, बाबर आदी शासकों ने भारत को जो समृध्दि प्रदान की थी, औरंगजेब ने उसमें वृध्दि तो अवश्य की परन्तु अपने कट्टरपन तथा अपने पिता और भाइयों के प्रति दुर्व्यवहार के कारण उन्हें देश की जनता का विरोध भी मोल लेना पड़ा।
उन्होंने हिन्दुओं पर जजिया कर लगाया। वैसे नैतिक रूप से वे अच्छे चरित्र के व्यक्ति थे। वे टोपियां सीकर और कुरान की आयतें लिखकर अपना खर्चा चलाते थे। उन्होंने राज्य-विस्तार के लिए अनेक बड़ी-बड़ी लड़ाईयां लड़ीं।
उनका शासन 1658 से लेकर उनकी मृत्यु 1707 तक चला। उन्होंने 48 साल तक अपना शासन स्थापीत रखा।
औरंगजेब का राज्य बहोत ही विस्तृत था इस वजह से उस समय मुघल साम्राज्य सबसे विशाल और शक्तिशाली साम्राज्य माना जाता था। औरंगजेब के पुरे जीवन में उसने अपना राज्य दक्षिण में 3.5 लाख किलोमीटर तक विस्तृत किया और जिसमे 150-200 लाख लोग उसके राज्य में रहने लगे थे।
जब मुघल साम्राज्य युद्ध कर रहा था तभी अचानक एक लड़ाकू हाती ने उनके शरीर पर प्रहार किया, जिससे उन्हें कई दिनों तक चोटिल रहने के बाद भी वे युद्ध में लड़ते रहे, युद्ध का लगभग पूरा क्षेत्र हतियो से भरा पड़ा था और लड़ते-लड़ते ही अंत में उन्हें मृत्यु प्राप्त हुई। और उनकी इसी बहादुरी से प्रेरित होकर उन्हें बहादुर का शीर्षक दिया गया। अंतिम युद्ध में कमजोर पड़ने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी थी। वे मुघल साम्राज्य के एक निडर योद्धा थे। उनका हमेशा से ऐसा मानना था की अगर आप बिना लड़ेही शत्रु की ताकत देखकर ही हार मान लेते हो तो फिर आपसे बुरा कोई नहीं।
इसमें संदेह नहीं कि औरंगजेब मुगल सल्तनत के महान सम्राट थे और उनका समय मुग़ल-साम्राज्य की समृध्दि की समृध्दि का स्वर्णिम युग था।
उनकी मृत्यु के 15-16 वर्ष बाद ही मुगल-साम्राज्य का सितारा डूब गया। बाबर के खानदान के इस अंतिम मुगल सम्राट The last Mughal को अनेक कारणों से याद किया जाता है। बाबर जहां भारत में मुगल-साम्राज्य के संस्थापक थे, वहां औरंगजेब मुगल-साम्राज्य की समाप्ति का कारण बने।
औरंगज़ेब के निर्माण :
- औरंगज़ेब नेलाहौर की बादशाही मस्जिद बनवाई थी।
- 1678 ई. में औरंगज़ेब ने अपनी पत्नी रबिया दुर्रानी की स्मृति में बीबी का मक़बरा बनवाया।
- औरंगज़ेब ने दिल्ली के लाल क़िले में मोती मस्जिद बनवाई थी।
Comments
Post a Comment